फतेहबाद: हरियाणा में 1 अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होंगे और 4 अक्टूबर को परिणाम घोषित हो जायेगा। फतेहबाद हल्का में किसी भी पार्टी ने अभी तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. 30 अगस्त तक उम्मीदवारो के नामो की घोषणा हो सकती है। फतेहबाद हल्के में भाजपा से दुड़ाराम का नाम सुर्खियों में है. कांग्रेस पार्टी में टिकट के कई दावेदार है, जिनमे डा.वीरेंदर सिवाच, विनीत पुनिया, प्रल्हाद गिल्लाखेड़ा और वलवान सिंह दौलतपुरिया शामिल है.
विश्वशनीय सूत्रों की माने तो डा.सिवाच यदि बिना टिकट के भी चुनाव लड़ते है तो इस बार उनकी जीत तय है. हालांकि डा.सिवाच कांग्रेस पार्टी से जुड़े है. उनके समर्थको की माने तो टिकट डा.सिवाच को ही मिलेगा. इसके दूसरी तरफ सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार यदि डा.सिवाच को कांग्रेस पार्टी से टिकट नहीं मिलती है तो वो निर्दलीय चुनाव लड़ सकते है या फिर दूसरी पार्टी की तरफ से भी कोई ऑफर आ सकता है. अगर सर्वें रिपोर्ट को देखें तो डा.सिवाच अगर निर्दलीय चुनाव लड़ते है तो जीत का सेहरा उनके सिर पर आने की पूरी उम्मीद है.
HighLight
- फतेहबाद हल्के में कोंग्रेस से विधानसभा सीट के लिए डा. वीरेंद्र सिवाच, बलवान दौलतपुरिया, विनीत पुनिया, गिल्लाखेडा सभी दावेदार है |
- डा. सिवाच पिछले चुनावो में ले चुके है 74 हजार वोट, दुड़ाराम से था मुकाबला, 3 हज़ार वोट से हुई थी हार-जीत।
- कांग्रेस पार्टी ने अभी तक नहीं किया कोई उम्मीदवार फाइनल।
फतेहबाद हल्के में विधानसभा सीट के लिए कई दावेदार होने के बावजूद डा. वीरेंद्र सिवाच लोगो की पहली पसंद बने हुए है. हालांकि डा.सिवाच कांग्रेस पार्टी से जुड़े है. पिछले विधानसभा चुनाव में डा. सिवाच जजपा से विधानसभा चुनाव लड़े थे, जिसमे फतेहबाद हल्का से डा.सिवाच को 74 हज़ार 69 वोट मिले थे और इनके समक्ष भाजपा से दुड़ाराम चुनाव लड़ेथे जिन्हे जिन्हे 77 हज़ार 369 वोट मिले थे. दुड़ा राम लगभग 3 हज़ार वोटो से जीते थे. हार जीत में 3 हजार वोटो का फांसला था |
फतेहबाद हल्के की बात करे तो डा.वीरेंद्र सिवाच लम्बे समय से यहाँ राजनितिक व समाजिक सेवा दृष्टि से सक्रिय है और लोगो के बीच उनकी छवि अच्छी है जोकि समाज सेवा कार्यों में भाग लेते रहते है. नशे के खिलाफ उनकी मुहीम चलती रहती है. हालांकि इस हल्के से अन्य कुछ दावेदारों के चरित्र एंव भरष्टाचार मामलों को लेकर वाद विवाद सुनने को मिलते रहते है.
हालांकि की कुछ राजनितिक पहलुओं का मानना है कि यदि डा.वीरेंद्र सिवाच निर्दलीय चुनाव लड़ते तो उन्हें जितने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी . क्योंकि फतेहबाद हल्के में कांग्रेस की टिकट के कई दावेदार है और टिकट एक को मिलेगी. टिकट ना मिलने वाले नेता किसी अन्य पार्टी में जायेगे या निर्दलीय लड़ेंगे ये अभी कुछ कहा नहीं जा सकता. हालांकि सर्वें की माने तो डा.सिवाच लोगो की पहली पसंद बने हुए है और अगर कांग्रेस पार्टी इन्हे टिकट देती है पार्टी को जितने के लिए मेहनत भी कम करनी पड़ेगी और जनता में सर्वें की माने तो डा. सिवाच निर्दलीय भी लड़ते है तो भी जीत का ताज़ उनके सिर हो सकता है।