ANH Tezz News / प्रवीण भारती / Haryana Assembly Election 2024: बीजेपी-कांग्रेस के असंतुष्ट बागी जेजेपी, आम आदमी पार्टी, इनेलो का दामन थाम सकते हैं, जो वोट कटवा का काम कर सकते हैं. जेजेपी का यह प्रयोग साल 2019 विधानसभा चुनाव में काफी सफल रहा था. इसीलिए बीजेपी-कांग्रेस को ऐसे बगियों से बचने की जरूरत है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने लगभग पेपर वर्क कर लिया है. कागजों पर सारे समीकरण बैठा लिए गए हैं और वोटों का गुणा-भाग भी हो चुका है. डेट को लेकर कन्फ्यूजन थी, वो भी दूर हो गई. इस चुनाव में भाजपा (BJP) फूंक-फूंककर कदम रख रही है. सभी सीटों पर पहले सर्वे कराया गया. हर सीट पर मौजूदा विधायक के साथ-साथ उस सीट पर लड़ने योग्य अन्य नेताओं के बारे में पता किया गया. फिर सीटों का समीकरण देखा गया.
संभावित प्रत्याशी | विधानसभा |
नायब सिंह सैनी | लाडवा |
ओपी धनखड़ | बादली |
अनिल विज | अंबाला छावनी |
प्रो. रामबिलास शर्मा | महेंद्रगढ़ |
कविता जैन | सोनीपत |
कैप्टन अभिमन्यु | नारनौंद |
राव नरबीर | बादशाहपुर |
कंवरपाल गुर्जर | जगाधरी |
मूलचंद शर्मा | बल्लभगढ़ |
रणजीत सिंह चौटाला | रानियां |
जयप्रकाश दलाल | लोहारू |
डॉ. बनवारी लाल | बावल |
सीमा त्रिखा | बड़खल |
महिपाल ढांडा | पानीपत ग्रामीण |
डॉ. अभय सिंह यादव | नांगल चौधरी |
सुभाष सुधा | थानेसर |
आरती राव | अटेली |
कृष्ण कुमार बेदी | शाहाबाद |
सुभाष बराला | टोहाना |
राजपाल बैनीवाल | फतेहाबाद |
रामचंद्र जांगड़ा | रोहतक की किसी सीट से |
कमल गुप्ता | हिसार |
किरण चौधरी या श्रुति | तोशाम |
अरविंद शर्मा | करनाल |
भव्य बिश्नोई | आदमपुर |
आदित्य देवीलाल | डबवाली |
भाजपा सूत्रों ने बताया है कि करीब 10 से 15 फीसदी मौजूदा विधायकों के टिकट कटने तय हैं. इनका सर्वे में फीडबैक अच्छा नहीं आया है. सभी 90 सीटों पर नाम तय कर लिए गए हैं. इंतजार बस इस बात का है कि कांग्रेस समेत अन्य दल क्या रणनीति अपना रहे हैं. उसके हिसाब से कुछ नामों में फेरबदल किया जा सकता है. हालांकि, 25 सीटों पर नाम तो लगभग तय हैं. ये सभी भाजपा के पुराने चेहरे या फिर दूसरी पार्टी से आए दिग्गज नेता या फिर उनके परिवार के सदस्य हैं. भाजपा को उम्मीद है कि ये न सिर्फ अपनी सीट बल्कि आसपास की सीटों पर भी पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होंगे. सभी के नाम नीचे पढ़ें. इन्हें संभावित उम्मीदवार इसलिए बताया गया है क्योंकि अभी भाजपा की आधिकारिक उम्मीदवारों की सूची नहीं आई है.
उम्मीदवारों की सूचि में देरी का कारण :
उम्मीदवारों की सूची में देरी के पीछे एक कारण यह भी है कि पार्टी नहीं चाहती कि विधानसभा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के बाद किसी तरह की खेमेबाजी हो. साथ ही जननायक जनता पार्टी (जजपा), चंद्रशेखर आजाद की पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल जैसी पार्टियां इसी इंतजार में हैं कि भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों के नेता बागी होकर उनकी पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए आएं. भाजपा किसी भी पार्टी को ऐसा मौका देने के मूड में नहीं है
तीसरा और अंतिम कारण
अभी हाल ही में हरियाणा को लेकर ‘लोक पोल’ (Lok Poll) ने प्री-पोल सर्वे किया है. इस सर्वे में हरियाणा के 67,500 ने अपना जवाब दिया है. इस सर्वे का अनुमान है कि कांग्रेस इस बार सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है. उसे 58-65 सीटें मिल सकती हैं. वहीं भाजपा को महज 20-29 सीटें मिल सकती हैं. जाहिर है इससे भी भाजपा सतर्क हो गई है और सीटों के ऐलान में देरी कर रही है. हर सीट पर फिर से समीकरण जांचे जा रहे हैं. साथ ही दूसरे दलों के उम्मीदवार चयन पर भी नजर रखी जा रही है